अपने शरीर के हिसाब से एक्सरसाइज करना सीखें
किसी भी इंसान की सेहत का अच्छा या बुरा हो ना तीन बातों पर सबसे ज्यादा निर्भर करता है । पहला सही तरीके का खाना । दूसरा है सही समय पर नींद व आराम करना। और तीसरा है एक्सरसाइज। अगर हमें वजन घटाना है तो हमें एक्सरसाइज करने के लिए कहा जाता है यहां तक की बीमारियां दूर करने के लिए भी एक्सरसाइज करने को ही कहा जाता है। ग्लोइंग स्किन हुआ मजबूत वालों के लिए भी एक्सरसाइज करने को भी कहा जाता है। लेकिन एक्सरसाइज तो बहुत तरीके की होती है लेकिन किस पार्टी के लिए कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए वह ज्यादा महत्वपूर्ण है। एक्सरसाइज को चार पार्ट में डिवाइड किया गया है ।

1 स्ट्रैचिंग एक्सरसाइज < स्ट्रैचिंग एक्सरसाइज को आप एक तरीके का योगा भी कहा कह सकते हो। एक्सरसाइज का काम आपकी बॉडी को फ्लैक्सिबल बनाना होता है। इसलिए यह एक्सरसाइज हर किसी को जरूर करना चाहिए। इससे ज्यादा फायदा यह है कि इससे आपकी बॉडी का स्ट्रक्चर सही दिशा में होता है। अगर आप गलत तरीके से उठने और बैठने की आदत डालने से कुछ लोगों का शरीर का पोस्चर आगे की तरफ झुक जाता है । कंधे आगे की तरफ हो जाते हैं। बॉडी भी बीच से मुड़ी हुई दिखने लग जाती है। जिससे हाइट तो कम लगती ही है, साथ ही इससे उस बंदे की पर्सनैलिटी पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है । वॉल एंजेल, कोबरा स्ट्रेस एक्सरसाइज है जो आपके बिगड़े हुए स्ट्रक्चर को सही करने में मदद करता है । किसी किसी हेवी एक्सरसाइज को करने से पहले शरीर के जॉइंट को वार्म अप करने के लिए स्ट्रैचिंग सबसे बेस्ट एक्सरसाइज है। क्योंकि ऐसा करने से हैवी वर्कआउट के दौरान किसी भी तरह के इंजरी होने से हम बच सकते हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है ऐसी वैसी हमारे शरीर की फ्लेक्स भी कम हो जाती है। जिससे कि हमें उठने बैठने में परेशानी होती है। इसलिए हर किसी को जवानी से ही स्ट्रैचिंग की करनी चाहिए । जिससे कि हम आप बुढ़ापा आने तक हमारा शरीर सुडौल बना रहे। जो लोग पहले से स्ट्रैचिंग करते हैं उनकी बॉडी बुढ़ापे में भी काफी फ्लैक्सिबल होती है।

2 कार्डियो एक्सरसाइज कार्डियो एक्सरसाइज जिसे एरोबिक एक्सरसाइज भी कहा जा सकता है । जिसमें हमारे शरीर के अंग एक साथ हरकत में होते हैं । जिससे हमारे शरीर से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है इससे धीरे-धीरे शरीर को ना थकने की आदत होती है । जैसे जोगिंग ,रनिंग ,स्विमिंग, साइकिलिंग स्पोर्ट्स वर्क जिसमें आपके शरीर का ज्यादातर हिस्सा वर कार्यों से शायद मैं आपकी स्पीड जितनी ज्यादा होती है उसका शरीर पर असर भी उतना जादा होने लगता है। जिसके शरीर पर बहुत कम असर होता है जोगिंग कर रहे हैं यानी आपकी स्पीड चलने से थोड़ी जादा और दौड़ने से थोड़ी कम है। तो इसी मीडियम इंटेंसिटी कार्यों में गिना जाता है । अगर आप दौड़ कर आ रहे हैं इसका शरीर पर भी ज्यादा असर होता है। इसलिए बीकानेर शहर कहा जाता है जिसका शरीर पर असर भी ज्यादा होता है इसलिए किसी भी स्पीड अप का अपनी उम्र पर ताकत के हिसाब से रखनी चाहिए। कार्य करने से दिल की धड़कन तेज होती है और पूरे शरीर में खून का दौरान तेजी से लगता है आपके शरीर में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाती है। आपकी शरीर की कोशिकाओं की इन्सुलिन सेंसटिविटी बढ़ जाती है । इसे डायबिटीज कोलेस्ट्रोल पीसीओडी और दिल से जुड़ी बीमारी होने के चांसेस बहुत कम हो जाते हैं। हमारा शरीर के खून का दौरा आसानी से पहुंचना है । इसे बालों की जड़ मजबूत होते हैं और स्किन भी साफ होने लगती है। इतना ही नहीं इस सब का दिमाग भी ज्यादा बेहतर तरीके से काम करने लगता है। इस तरह की जिसको करने से शरीर में काफी मात्रा में लगता है श्री जंग रोधक काफी मात्रा में रिलीज होने लगता है। जिससे शरीर के अंदर हीलिंग प्रोसेस शुरू हो जाता है। बीमारी ठीक होने लगती है जिंदगी हाइट बढ़ने की उम्र है उन लोगों को भी कार्डियो एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। इस तरह की एक्सरसाइज में बहुत जल्दी पसीना निकलने लगता है। जिससे रोम छिद्र खुल जाते हैं और स्किन के अंदर मौजूद गंदगी बाहर निकलने लगती है । इससे दाग धब्बे भी धीरे-धीरे ठीक होने लगते हैं । वैसे तो कॉर्डियर्साइट हर किसी के लिए सही होती है ,लेकिन फिटनेस गोल के नजरिए से जिन लोगों को वजन घटाना है उनको कार्डियो एक्सरसाइज ज्यादा करनी चाहिए । क्योंकि इस तरीके जिससे कि एक्सरसाइज में शरीर से कैलोरी ज्यादा बर्न होती है । शरीर की चर्बी कम करने में ज्यादा मदद मिलती है।
सेफ्टी और सावधानियां कार्डियक में सावधानी रखना चाहिए । जैसे जैसे आपकी स्पीड पड़ती है उसका शरीर में स्पीड भी ज्यादा बढ़ती रहती है लेकिन आपको शरीर पर यह ध्यान रखना चाहिए कि आपको हाई स्पीड एक्सरसाइज करने से पहले अपनी बॉडी को तैयार करना भी जरूरी है। इसलिए शुरुआत के 4 से 5 मिनट लो स्पीड में अपनी एक्सरसाइज शुरू करें। ताकि आपका शरीर हाई स्पीड एक्साइज के लिए तैयार हो पाए । दिल की बीमारी में लोगों की नसों में ब्लॉकेज होने की वजह से ज्यादा तेजी से गुजरता है तो इस जगह जोर पड़ता है सीने में दर्द होने की प्रॉब्लम हो सकती है। इसलिए दिल के मरीजों को एरोबिक एक्सरसाइज तो करना चाहिए पर हाई स्पीड मैंने लो स्पीड में आपने एक्सरसाइज शुरू करें। फॉर एग्जांपल वॉकिंग एंड जोगिंग सबसे बेस्ट एग्जांपल है।

3 स्ट्रैंथ एक्सरसाइज यह एक्सरसाइज आपकी बॉडी में फ्रेंड बनाने का काम करता है। यह एक्सरसाइज हमें दो तरीके से करनी चाहिए एक तो एक्स्ट्रा वजन उठाकर जिसे वेटलिफ्टिंग के नाम से जाना जाता है। जैसे कि पिंच प्रेस डंबल् और लेग प्रेस दूसरा तरीका वह है जहां हम शरीर के वजन को ही इस्तेमाल करके हम अपने आप एक्सरसाइज कर सकते हैं। जैसे कह सकते है नेक पुश जैसी एक्सरसाइज बेसिकली स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज का नाम सुन कर ही पता चलता है यह आपके शरीर के अंदर की ट्रेन यानी ताकत को बढ़ाने का काम करता है। इसी दौरान आपके शरीर की मसल्स फाइबर रोज एक्सरसाइज कर ज्यादा मजबूत होने लगती है
जिससे शरीर में लीन मसल की मात्रा भी बढ़ती है शरीर अंदर और बाहर दोनों से सुडौल होने लगता है। इस एक्सरसाइज में आपको अपने शरीर का मैक्सिमम ताकत लगाना पड़ता है। इसमें शरीर में ऊर्जा प्रकट होता है और शरीर के अंदर की गंदगी बाहर निकलती है । जिससे आपकी स्किन भी साफ होती है। जिससे सारे इंटरनल ऑर्गन भी ज्यादा अच्छे तरीके से काम करने लगते हैं।
सेफ्टी व सावधानियां स्ट्रैंथ एक्सरसाइज करने से पहले वह एक्सरसाइज नहीं करते उन्हें अक्सर ही स्ट्रेच मार्क्स फॉर ज्वाइंट पेन होना भी शुरू हो जाता है । इसलिए ऐसी हैवी एक्सरसाइज करने के लिए अपने शरीर को गर्म करना भी जरूरी है। आपको कम से कम 10 से 15 मिनट तक हल्की एक्सरसाइज करनी चाहिए । इस एक्सरसाइज को करते समय आपको धीरे धीरे वजन को बढ़ाना चाहिए लेकिन लेकिन यहां आपको अपनी कैपेसिटी का ख्याल रखना चाहिए।

4 बैलेंस एक्सरसाइज इस एक्सरसाइज के नाम से ही आपको पता चलता है । कि यह एक्सरसाइज आपके शरीर को बैलेंस करने का काम करती है । आपने देखा होगा कुछ लोग थोड़ा सा भी बैलेंस बिगड़ने पर लड़खड़ा कर नीचे गिरने लग जाते हैं । जो कि यह दर्शाता है कि उस बंदे का अपने शरीर पर कंट्रोल नहीं है। चाहे वजन उठाते वक्त हो या किसी बारीक रास्ते पर चलते वक्त बैठने या उठते वक्त हो या किसी जगह पर खड़ा रहना जहां जगह की कमी हो तभी सिचुएशन में आपके कदम मजबूती से जमे रहने के लिए आपके शरीर पर आप कंट्रोल रहना बहुत जरूरी है। इस तरह का कंट्रोल बैलेंस एक साइट के जरिए ही आप प्राप्त कर सकते हैं। वैसे तो बैलेंस एक्सरसाइज कई तरीके की होती है । लेकिन आप चाहे तो कैंडल स्टैंड टेंडम वॉक टेंडम एक्सरसाइज कर सकते हो अगर इसको करते वक्त आपको बहुत ज्यादा आसान लगता है तो आपको यह आंख बंद करके ट्राई करना चाहिए | निष्कर्ष सभी बातों का यह है कि 4 तरह की एक्सरसाइज होती है कोई भी कर सकता है लेकिन अपने फिटनेस स्कूल के हिसाब से ही करना चाहिए अगर आपको फिट रहना है तो हफ्ते में 3 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग 3 दिन स्ट्रैचिंग करनी चाहिए| धन्यवाद